Law of attraction
वर्तमान मे कैसे रहे present moment ही जीवन है
- लिंक पाएं
- X
- ईमेल
- दूसरे ऐप
✨present moment ही जीवन हैनमस्कार दोस्तो ,क्या आप भी अपने भूतकाल की गलतियों या भविष्य की चिंता में उलझे रहते हैं? अगर हां, तो यह लेख आपके लिए है।
वर्तमान में जीना एक कला है, जो हमें सुकून, फोकस और सच्चे आनंद की ओर ले जाती है। जब हम "अभी और यहीं" को पूरी तरह अपनाते हैं, तभी हम सच में जीवन का अनुभव करते हैं।
🌈वर्तमान मे रहने के तरीके
✅1. सांसों पर ध्यान दें (Mindful Breathing)
जब भी मन भटकने लगे, कुछ गहरी सांसें लें और ध्यान दें कि आप सांस कैसे ले रहे हैं और छोड़ रहे हैं। यह आपको तुरंत वर्तमान में खींच लाता है।
✅2. जो कर रहे हैं, उसमें पूरी तरह शामिल हो जाएं
चाहे आप खाना खा रहे हों, चल रहे हों, पढ़ाई कर रहे हों या किसी से बात कर रहे हों-हर कार्य को 100% ध्यान के साथ करें। इससे आपके दिमाग को वर्तमान से जुड़ने में मदद मिलती है।
✅3. मोबाइल और सोशल मीडिया से ब्रेक लें
बार-बार नोटिफिकेशन चेक करना हमें वर्तमान से दूर कर देता है। रोज़ कुछ घंटे "डिजिटल डिटॉक्स" का अभ्यास करें।
✅4. प्रकृति से जुड़ें
हर दिन थोड़ा समय पेड़ों, आसमान या सूरज को निहारने में बिताएं। प्रकृति हमें "अब" में जीना सिखाती है।
✅5. आभार जताएं (Gratitude Practice)
हर सुबह या रात 3 चीज़ों के लिए आभार व्यक्त करें। जब हम अपने पास की चीज़ों को महत्व देते हैं, तो हम naturally present में रहने लगते हैं।
✅6. ध्यान (Meditation) करें
रोज़ 5-10 मिनट का ध्यान आपको मानसिक शांति देगा और आपके फोकस को वर्तमान रहने दे
✨हम वर्तमान में क्यों नहीं रह पाते?
हमारा मन हर समय या तो अतीत में उलझा होता है या भविष्य की चिंता में दौड़ता रहता है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं:
🌱1. अतीत की चोटें और पछतावे
– "काश मैंने ऐसा नहीं किया होता…"
– "वो गलती मेरी ज़िंदगी बर्बाद कर गई…"
🌱2. भविष्य की चिंता और डर
– "अगर मैं फेल हो गया तो क्या होगा?"
– "कल के इंटरव्यू में क्या होगा?"
🌱3. टेक्नोलॉजी की लत
– मोबाइल, नोटिफिकेशन, सोशल मीडिया हमें हर समय ‘अब’ से अलग कर देते हैं।
🌱4. मानसिक आदतें
– हमारा दिमाग आदतन भटकता है — उसे अभी की आदत नहीं।
👉 इसलिए “वर्तमान में रहना” सीखना आज के समय की सबसे ज़रूरी मानसिक योग्यता बन चुका है।
🌈 वर्तमान में रहने के लाभ क्या हैं?
🌱1. तनाव और चिंता से राहत
– अतीत की यादें और भविष्य की फिक्र ही तनाव का कारण हैं। जब आप वर्तमान में होते हैं, तो दिमाग शांत रहता है।
🌱2. मन की शुद्धता और शांति
– ध्यान और सजगता से मन की बेचैनी कम होती है। भीतर एक प्रकार का सुकून आता है।
🌱3. रिश्ते बेहतर होते हैं
– जब आप सामने वाले के साथ 100% मौजूद होते हैं, तो संवाद गहरा होता है। इससे रिश्ते मजबूत बनते हैं।
🌱4. काम में फोकस और गुणवत्ता
– एकाग्रता बढ़ती है। आप कम समय में ज्यादा और बेहतर कर पाते हैं।
🌱5. जीवन का सच्चा आनंद
– हवा, धूप, फूल, रंग, गंध — सबका आनंद तब ही आता है जब आप ‘अभी’ में होते हैं।
✨ वर्तमान रहने के अभ्यास कैसे करें?
गहरी सांस लें और महसूस करें कि आप जीवित हैं।
हर सांस पर ध्यान दें — “मैं जीवित हूँ, मैं शांत हूँ।”
🌱2. एक समय में एक ही काम करें (Single-tasking)
मल्टीटास्किंग से मन बंटता है।
खाना खाते समय सिर्फ खाना, पढ़ते समय सिर्फ पढ़ाई।
🌱3. Mobile Detox करें
दिन में कुछ घंटे मोबाइल से दूरी बनाएं।
खाना, बात करते समय मोबाइल बिल्कुल न छुएं।
🌱4. प्रकृति से जुड़ें
सुबह या शाम कुछ देर बाहर चलें।
पेड़, पत्तियों, पक्षियों को ध्यान से देखें। ये वर्तमान से जोड़ते हैं।
🌱5. ध्यान (Meditation)
रोज़ 5-10 मिनट आंखें बंद करके बैठें।
सिर्फ श्वास और मन पर ध्यान दें, बिना किसी विचार को पकड़ने के।
👫बच्चो और युवाओं को वर्तमान में रहने की आदत कैसे सिखाएं?
🌱1. रूटीन में सजगता जोड़ें
– बच्चों को सिखाएं कि वे पढ़ाई, खेल या खाना खाते समय ध्यान दें कि वे क्या कर रहे हैं।
🌱2. Game या Activity द्वारा
– ‘एक मिनट ध्यान से बैठो’ जैसे खेलों से शुरू करें।
🌱3. मोबाइल स्क्रीन टाइम सीमित करें
– माता-पिता बच्चों को अपनी उपस्थिति और उदाहरण से सिखाएं।
🌱4. Positive Affirmations सिखाएं
– जैसे “मैं इस पल में पूरी तरह हूँ”, “मेरा मन शांत है।”
🌱5. रात को दिनभर की 3 अच्छी बातें लिखवाएं
– इससे बच्चों का ध्यान अतीत के दोषों से हटकर सकारात्मक वर्तमान पर आता है।वर्तमान में रहने से आध्यात्मिक विकास कैसे होता है?वर्तमान में रहना केवल एक मानसिक अभ्यास नहीं है, यह आध्यात्मिक जागरूकता का केंद्र बिंदु है।जब आप ‘अब’ में जीते हैं:अहंकार कम होता है (क्योंकि अहंकार अतीत और भविष्य पर आधारित होता है)आत्मा से जुड़ावबढ़ता हैभीतर मौन, शांति और ऊर्जा महसूस होती है
संत, योगी, और बुद्ध पुरुष हमेशा "इस क्षण" में रहते हैं।
यही कारण है कि ‘अब’ को ‘ईश्वर का दरवाज़ा’ भी कहा जाता है।
- लिंक पाएं
- X
- ईमेल
- दूसरे ऐप

टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें